Tuesday, February 26, 2013

GARBAGE BIN.

साइबर वर्ल्ड के लाफ्टर किंग 

किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना ऊपर वाले की सबसे बड़ी इबादत है, इसे ये लोग बखूबी समझते हैं। इंटरनेट की दुनिया के ये दिग्गज लोगों को ह्यूमर की डेली डोज दे रहे हैं। इन्हें पर्दे के पीछे से काम करना ज्यादा पसंद है, शायद तभी विकिपीडिया भी इनकी शान में कसीदे पढ़ने में खुद को नाकाम पाता है। कार्टून, पोस्ट और ट्वीट के जरिये लोगों को गुदगुदाने के साथ-साथ समसामयिक मुद्दों पर बेबाक राय जाहिर करने वाले इन खास किस्म के सिलेब्रिटीज से रूबरू करा रहे हैं अभिषेक भट्टाचार्य:
(फैसल मुहम्मद अपने दो फ़न्स के साथ )

नाम: फैसल मुहम्मद
कार्टून बैनर: गार्बेज बिन
किरदार: गुड्डू ऐंड गैंग
फेसबुक पेज: facebook.com/garbagebin
पेज लाइक्स: 2.5 लाख
कोट: बाप को, दादा को, भाई को, सबको हंसाएगा अपना ये फैसल।

क्या है खास: स्कूल में सीट के लिए झगड़ना, टीवी पर हीमैन, मोगली जैसे शो देखना, सब्जी खरीदने के लिए मिले पैसों में घालमेल करके विडियो गेम खेलना, बारिश में छत पर जमा पानी से मस्ती, पतंग के पेंच लड़ाना और लड़कियों को इंप्रेस करने के लिए हंक बनने की कोशिश करना। गार्बेज बिन के बैनर तले फैसल मुहम्मद के हर कार्टून में बचपन का कतरा-कतरा समाया है। फैसल के कार्टून की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये हमें जिंदगी की सबसे खूबसूरत यादों से जोड़ते हैं। शायद तभी फेसबुक पर इनके पेज के लाखों फैन में से ज्यादातर 18 से 25 साल के बीच के हैं।
शुरुआत: गार्बेज बिन का सफर 8 दिसंबर 2011 को शुरू हुआ। फैसल ने इसे पार्ट टाइम शौक के तौर पर शुरू किया था, लेकिन आज उनके कार्टून इंटरनेट पर वायरल हो चुके हैं। एंटरटेनमेंट की डेली डोज के तौर पर अपलोड किए गए इन कार्टून को उन्होंने 'गैंग' नाम दिया है। इन कार्टूनों के किरदारों को भी फैसल ने अपनी असल जिंदगी से चुना है। मुख्य किरदार गुड्डू तो बहुत हद तक फैसल जैसा ही दिखता है। फैसल को सोशल मुद्दे काफी कचोटते हैं, इसलिए दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद उन्होंने पीड़ित लड़की की तकलीफ को अपने स्केच से जाहिर करने की कोशिश की।


पर्सनल लाइफ: फिलहाल एनसीआर में एक गेमिंग स्टूडियो चलाने वाले फैसल ने करियर की शुरुआत कॉमिक्स बुक में स्केचिंग से की थी। पिछले साल काफी मशहूर हुआ गेम ऐंग्री अन्ना भी फैसल की कंपनी ने ही बनाया है। गार्बेज बीन नाम पर फैसल कहते हैं कि उन्हें मशहूर अमेरिकी ह्यूमर मैगजीन मैड बहुत पसंद है।


 इसमें काम करने वाले दुनिया के बेहतरीन कार्टूनिस्ट भी खुद को 'द यूजुअल गैंग ऑफ इडियट्स कहलाना पसंद करते हैं। इससे मिली प्रेरणा और जमीन से जुड़े रहने की चाहत ने जन्म दिया गार्बेज बिन को। कुछ दिन पहले फैसल को फेसबुक पेज बेचने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। हाल में ही गार्बेज बिन के कार्टून्स की एक किताब भी बाजार में आई है। उनकी तमन्ना है कि गार्बेज बिन को नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाया जाए। यानी आने वाले दिनों में हम गुड्डू ऐंड गैंग को मोबाइल ऐप्लिकेशन और ऐनिमेशन में भी देख सकते हैं।







1 comment:

Sanjay Singh said...

Nice Post. Very Good Usman Bhai. Carry on